सायबर स्पेस के मित्रों बहुत दिनों से ब्लाग्स पढ़ रहा था, जी में आया की चलो हम भी हलके होलें। तो शुरू होता है प्रयास ,भरोसा है की बने रहेंगे.उखड भी जायेंगे तो क्या बिगड़ जाएगा?
जन्म गाजीपुर में हुआ,बारहवीं तक वहीँ टाइम पास किया,फिर काशी,जहाँ मेरा पैत्रिक गाँव था (अब शहर वहां तक घुस गया है) आना हुआ.महामना की छाया में कुछ साल कोर्स का छोड़ बाकि बहुत कुछ पढने और समझने की कोशिश की.
समय के साथ पिछले १० साल से मसूरी के आसपास हूँ.
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